Elleen News

Hot News

attention

यात्रीगण कृप्या ध्यान दें! पंजाब में रद्द की गई ट्रेनें दोबारा से हुई शुरू, लेट चल रही गाड़ियां भी समय से चलेंगी

जालंधर: साहनेवाल स्टेशन पर रेलवे ट्रैफिक ब्लॉक के कारण जालंधर से होकर गुजरने वाली शान-ए-पंजाब, दिल्ली-पठानकोट और अन्य कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था। हालांकि, अब इन ट्रेनों की आवाजाही सामान्य हो गई है, जिससे यात्रियों को राहत मिली है। रेलवे ने ट्रेन नंबर 22430 पठानकोट-दिल्ली सेवा को 27 अगस्त से फिर से शुरू कर दिया है। इसके अलावा, शान-ए-पंजाब भी अपनी नियमित सेवाओं पर लौट आई है। इसी प्रकार, 12411 चंडीगढ़-दिल्ली इंटरसिटी भी अब चालू हो गई है। कुछ ट्रेनों में देरी की समस्या भी सुलझा ली गई है। 12029 स्वर्ण शताब्दी दिल्ली से आते समय 12:06 बजे से आधा घंटा लेट थी, जबकि 12030 जालंधर अमृतसर से दिल्ली जाते समय अपने निर्धारित समय पर पंजीकृत की गई है। अब ये ट्रेनें अपने निर्धारित समय पर चलेंगी: – फिरोजपुर-चंडीगढ़ 14630 – जालंधर-दरभंगा 22551 – अमृतसर से सहरसा 15531 (शॉर्ट टर्मिनेट किया गया) – अन्य रूट्स 14629, 22552, 15532 (शॉर्ट ऑर्गेनाइज किया गया) इसके अलावा, कुछ ट्रेनों की देरी की समस्या भी समाप्त कर दी गई है। माता वैष्णो देवी, डॉ. अंबेडकरनगर 12920, अमृतसर-जयनगर 14674, 18104, 12920, 22424, 12380, 12920, 14650, 12476, और 12925 जैसी ट्रेनें अब अपने समय पर चल रही हैं।

यात्रीगण कृप्या ध्यान दें! पंजाब में रद्द की गई ट्रेनें दोबारा से हुई शुरू, लेट चल रही गाड़ियां भी समय से चलेंगी Read More »

कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले सावधान! आपको करना पड़ सकता है हार्ट अटैक का सामना! कंपनी ने खुद स्वीकार की साइड इफेक्ट्स की बात

नई दिल्ली: कोवीशील्ड बनाने वाली एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन से साइड इफेक्ट्स के आरोपों को स्वीकार किया है। ब्रिटेन के हाईकोर्ट में पेश डॉक्यूमेंट्स में एस्ट्राजेनेका ने ये बात कबूली। खबर है कि एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन से टीटीएस जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट होने यानि की शरीर में खून के थक्के जमने की वजह को स्वीकार किया। टीटीएस यानी थ्रोम्बोसइटोपेनिया सिंड्रोम की वजह से पीड़ित व्यक्ति को स्ट्रोक और हार्ट रेट थमने जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस खुलासे के बाद ही भारतीयों में डर का माहौल है क्योंकि कोरोना के समय बड़े पैमाने पर -एस्ट्रोजेनेका की यही वैक्सीन कोविशील्ड के नाम से इस्तेमाल की गई थी। बता दें कि भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्राजेनेका से हासिल लाइसेंस के तहत देश में इस वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया था। इसे न सिर्फ भारत ने टीकाकरण अभियान में इस्तेमाल किया बल्कि कई देशों को इसे निर्यात भी किया गया था। शिकायतकर्ताओं ने कोर्ट पहुंचकर शरीर को पहुंचे नुकसान के लिए कंपनी से मुआवजे की मांग की है। वहीं ब्रिटेन ने वैक्सीन पर सुरक्षा कारणों से रोक लगाने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि कंपनी द्वारा आरोप स्वीकारने के बाद अब मुआवजा मांगने वालों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है।

कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले सावधान! आपको करना पड़ सकता है हार्ट अटैक का सामना! कंपनी ने खुद स्वीकार की साइड इफेक्ट्स की बात Read More »

Translate »