चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में गानों में हथियारों और हिंसा का महिमामंडन करने पर कड़ा रुख अपनाया। कोर्ट ने सरकार से ऐसे गानों की सूची देने को कहा, जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। जस्टिस हरकेश मनुजा ने मौखिक रूप से पूछा, इन गानों के खिलाफ कितनी एफआईआर दर्ज की गई। इन गानों की सूची बनाकर शाम तक मुझे दें, जिससे भारत संघ को इसमें शामिल किया जा सके और जरूरी कार्रवाई की जा सके।
कोर्ट ने राज्य के वकील से यह भी पूछा कि हथियारों का महिमामंडन करने वाले गानों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई, जिस पर राज्य के वकील ने कहा कि उनके पास इस पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है।
यह घटनाक्रम तब सामने आया, जब न्यायालय ने पंजाब सरकार से हथियारों और हिंसा के महिमामंडन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंधित किए गए या प्रतिबंधित किए जाने की सिफारिश किए गए गीतों के विवरण पर व्यापक हलफनामा मांगा।
इसने सार्वजनिक समारोहों में आग्नेयास्त्रों के व्यापक उपयोग और पंजाब में अपराध करने के लिए लाइसेंसी बंदूकों के इस्तेमाल पर भी कड़ी आपत्ति जताई थी। कहा था कि प्रतिबंध के बावजूद कोई स्पष्ट बदलाव नहीं हुआ।
पंजाब सरकार ने 2022 में सार्वजनिक स्थानों और सोशल मीडिया पर आग्नेयास्त्रों के इस्तेमाल और प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था। तदनुसार, अधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया था।
इससे पहले न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक (DGP) को हथियार लाइसेंस जारी करने के दिशा-निर्देशों और राज्य के आदेश को लागू करने के लिए की गई कार्रवाई के विवरण से संबंधित अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
हालांकि न्यायालय ने पाया कि राज्य व्यापक हलफनामा दाखिल करने में विफल रहा। नतीजतन न्यायाधीश ने DGP पंजाब को राज्य में हथियारों के महिमामंडन को रोकने के लिए की गई कार्रवाई के संबंध में विभिन्न विवरणों पर एक व्यापक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।