चंडीगढ़: निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक, निजी स्कूल परिसर में किताबें और यूनिफॉर्म नहीं बेच सकते। वहीं किताबों व अन्य सामग्रियों पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं किया जा सकता है। इतना ही नहीं अभिभावकों पर किसी दुकान से किताबें खरीदने का दबाव भी नहीं डाला जाएगा। गाइडलाइन का पालन नहीं करने वाले निजी स्कूलों की मान्यता रद्द की जा सकती है।
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने अभिभावकों को निर्देश दिया है कि अगर कोई प्राइवेट स्कूल उन पर किसी खास दुकान से किताबें या यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव बनाता है तो वे लिखित में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। प्रबंधन अभिभावकों को स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप पर विशिष्ट दुकानों का पता बता रहा है, जिसमें दुकान का नाम और पता भी शामिल है। अभिभावकों को एक ही दुकान से यूनिफॉर्म खरीदने के लिए कहा जा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रशासन को दुकान के नाम के बजाय यूनिफॉर्म के रंग के सैंपल भेजने चाहिए। जैसे-जैसे स्कूल दुकानों का नाम भेज रहे हैं, वे दूसरी दुकानों से महंगे दामों पर सामान बेचते हैं।
प्राइवेट स्कूलों की महंगी किताबें और यूनिफॉर्म कुछ दुकानों पर ही मिलती हैं। इतना ही नहीं वर्दी में भी बदलाव किया गया है। रंग, डिजाइन, स्टिकर और टैग के जरिए वर्दी, जूते आदि बदले जाते हैं। ऐसे में महंगी स्कूल फीस, यूनिफॉर्म और किताबों के रूप में बच्चों की पढ़ाई अभिभावकों के लिए एक महंगे प्रोजेक्ट की तरह है।