अमृतसर: शिरोमणि अकाली दल को बड़ा झटका लगा है। पांच सिंह साहिबान ने अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा पर 10 साल का राजनीतिक प्रतिबंध लगा दिया है। अकाल तख्त साहिब ने यह फैसला वल्टोहा द्वारा जत्थेदारों पर बीजेपी और आरएसएस के दबाव का आरोप लगाने के बाद लिया है।
वल्टोहा को मंगलवार को अकाल तख्त साहिब पर पेश होना था, जहां उन्होंने अपनी बात रखी। हालांकि, उनके बयान से पांच सिंह साहिबान संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने यह कड़ा फैसला सुनाया। श्री अकाल तख्त साहिब ने अकाली दल को आदेश दिया है कि वह वल्टोहा को पार्टी से तुरंत निष्कासित करे।
कुछ समय पहले, वल्टोहा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की थी जिसमें उन्होंने सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ कार्रवाई को लेकर जत्थेदार साहिब पर आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि शिरोमणि अकाली दल को कमजोर करने वाली साजिशें, जो हमेशा सिख विरोधी ताकतें रचती हैं, हमारे माननीय और देश-प्रमुख संस्थानों तक पहुँच जाएंगी। भगवान करे मेरा यह शक बेबुनियाद हो, क्योंकि ये संस्थाएं सिखों के मान-सम्मान का प्रतीक हैं।
वल्टोहा के बयान को अकाल तख्त साहिब ने सिख धर्म और संस्थाओं के खिलाफ अपमानजनक माना है। पांच सिंह साहिबान का मानना है कि वल्टोहा के बयान से सिख समाज में फूट डालने की कोशिश की जा रही है।
अकाली दल के लिए यह एक बड़ा झटका है। अब देखना होगा कि पार्टी इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देती है। वल्टोहा को पार्टी से निष्कासित करने के बाद पार्टी के भीतर क्या बदलाव आएंगे, यह भी एक दिलचस्प सवाल है।